- फेलिसिटी थिएटर इंदौर में "हमारे राम" प्रस्तुत करता है
- जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल को एआईएमए मैनेजिंग इंडिया अवार्ड्स में मिला 'बिजनेस लीडर ऑफ डिकेड' का पुरस्कार
- उर्वशी रौतेला 12.25 करोड़ रुपये में रोल्स-रॉयस कलिनन ब्लैक बैज खरीदने वाली पहली आउटसाइडर इंडियन एक्ट्रेस बन गई हैं।
- Urvashi Rautela becomes the first-ever outsider Indian actress to buy Rolls-Royce Cullinan Black Badge worth 12.25 crores!
- 'मेरे हसबैंड की बीवी' सिनेमाघरों में आ चुकी है, लोगों को पसंद आ रहा है ये लव सर्कल
आयकर विभाग के नोटिस को हलके में न लें

इंदौर सीए शाखा द्वारा टैक्स अपीलेट प्रावधानों पर सेमिनार
इंदौर. इंदौर सीए शाखा द्वारा आयकर अपील की ड्राफ्टिंग पर सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें मुख्य वक्ता चैन्नई से आए सीए अभिषेक मुरली और चेयरमेन ऑफ सेशन सीए मनोज गुप्ता थे.
इंदौर ब्रांच चेयरमेन सीए अभय शर्मा ने बताया कि नए नियमों के अनुसार अब कमिश्नर अपील के केस की अपील अपीलेट ट्रिब्यूनल में 20 लाख के टैक्स इफेक्ट तथा अपीलेट ट्रिब्यूनल के ऑर्डर के खिलाफ 50 लाख से ज्यादा के टैक्स इफेक्ट होने पर ही विभाग अपिलेट ट्रिब्यूनल तथा हाई कोर्ट में क्रमश: अपील कर सकेगा. अत: कमिश्नर अपील के आर्डर की वैल्यू अब बहुत बढ़ गई है क्योंकि 60 लाख के एडिशन याने 20 लाख तक के टैक्स इफ़ेक्ट की अपील यदि कमिश्नर अपील लेवल पर डिसाइड हो जाती है तो कमीशनर अपील का फैसला अंतिम फैसला होगा.
चेन्नई से पधारे सीए अभिषेक मुरली ने कहा कि इनकम टैक्स में स्क्रूटनी में दिए गए आदेश में की गयी डिमांड से अगर करदाता असंतुष्ट है तो वह अपील में जा सकता है. प्रथम अपील कमिश्नर अपील्स के सामने ऑनलाइन फाइल होती है. अगर करदाता को कोई नोटिस आता है और वह अगर उस का जवाब नहीं पेश कर लापरवाही करता है तो उस के केस में एकपक्षीय कार्रवाई और पेनल्टी लगने की पूरी सम्भावना रहती है इसीलिए आयकर विभाग के किसी भी नोटिस को हलके में नहीं ले.
अगर कोई आर्डर प्राप्त हो तो उसकी अपील 30 दिन के अन्दर ही की जा सकती है. अन्यथा करदाता का खाता सीज़ कर रिकवरी हो जाएगी. कमिश्नर अपील के पास लंबित प्रकरणों में मांग पर रोक लगाने का भी अधिकार है. अपील करना या नहीं, यह भी एक महत्वपूर्ण निर्णय है क्यूंकि एक बार फाइल की गई अपील वापस नहीं ली जा सकती है. भविष्य में अपील की पेशी भी ऑनलाइन होगी जिसमे सवाल और जवाब ईमेल के माध्यम से किए जाएँगे.
केस के तथ्यों पर ध्यान दें
युवा कर सलाहकरों को यह हिदायत दी गई की पेशी में उपरी अदालतों के निर्णयों के मुकाबले अपने केस के तथ्यों पर ज्यादा ध्यान दें और उन्हें सही तरीके से पेश करें. केस की तैयारी में अपने पक्ष के फैसलों के साथ ही विपक्ष के फैसलों पर विशेष ध्यान देकर उनके तथ्यों से भिन्नता को सिद्ध करना होता है.
फैक्ट्स को रिप्रोजेश करें
सीए मनोज गुप्ता ने कहा कि अपील फ़ाइल करने के पहले एसेसमेंट ऑर्डर को अच्छे से पढ़ें.अपील की ग्राउंड ऑफ अपील बिल्कुल क्रिस्प और सारगर्भित हो तथा स्टेटमेंट ऑफ फैक्ट्स में सारे केस का सार आ जाना चाहिए. हर केस में केस ला के पीछे न पड़ें. आप केस के फैक्ट्स पर रिप्रेजेंट करें. अपील में ऑर्ज्ञयू करते समय प्रसेंस ऑफ माइंड पूरा रखें. संचालन सचिव सीए हर्ष फिऱोदा ने किया. इस अवसर पर सीए सोम सिंघल, सीए कीर्ति जोशी, सीए शीतल जैन, सीए मौजूद थे.